(2) छोटे खर्च जो महीने के अंत में बड़ा फर्क डालते हैं

अक्सर हम यह सोचकर छोटे खर्चों को नजरअंदाज कर देते हैं कि “अरे, ये तो बस ₹50 की बात है” या “सिर्फ एक कप कॉफी है।” लेकिन जब ऐसे छोटे-छोटे खर्च रोज़ाना दोहराए जाते हैं, तो यह एक महीने के अंत में एक बड़ा हिस्सा बन जाते हैं। इस खंड में हम जानेंगे कि कैसे रोज़ के ये छोटे खर्च आपके बजट को चुपचाप नुकसान पहुँचा सकते हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
☕ रोज़ाना की चाय/कॉफी बाहर से लेना
- ₹30 की एक कॉफी × 30 दिन = ₹900 महीना
- साल भर में लगभग ₹10,800
- ऑफिस या घर पर बना लेना बेहतर विकल्प है।
📱 मोबाइल डेटा और रिचार्ज प्लान्स का ओवरस्पेंड
- बार-बार छोटा प्लान डालना ₹99 या ₹149 वाला, एक बड़ा प्रीपेड प्लान लेने से ज़्यादा खर्चीला हो जाता है।
- महीने की शुरुआत में ही प्लान को व्यवस्थित करें।
🛍️ रोज़मर्रा की अनियोजित खरीदारी
- किराने का सामान, टॉयलेटरीज इत्यादि की बार-बार खरीदारी
- थोक में एक बार लेना और लिस्ट बनाकर शॉपिंग करना अधिक फायदेमंद होता है।
🚕 कैब की लत
- ऑफिस के लिए रोज़ कैब लेना, भले ही सार्वजनिक परिवहन विकल्प उपलब्ध हो
- ₹150 प्रति दिन × 20 दिन = ₹3000 महीना
- थोड़ी असुविधा सहकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट अपनाएं
🍟 अनपेक्षित स्नैक्स और स्ट्रीट फूड
- ऑफिस के आसपास से बार-बार समोसा, बर्गर या चाय लेना
- ये स्वास्थ्य और बजट दोनों के लिए खराब हैं
- घर से लंच और स्नैक्स ले जाना आदत बनाएं
📦 डिलीवरी चार्ज और टिप्स
- ₹20-₹50 का डिलीवरी चार्ज और ₹10 की टिप
- महीने में 10 बार ऑर्डर करने पर यह ₹600+ हो सकता है
- पिकअप ऑप्शन या फ्री डिलीवरी स्लॉट चुनें
📺 बार-बार ओटीटी सब्सक्रिप्शन बदलना
- Prime, Netflix, Hotstar, Zee5 — हर प्लेटफॉर्म चालू रखना
- एक समय में एक या दो चुनें, बाकी जरूरत पड़ने पर चालू करें
📄 मासिक बैंक चार्ज और ऑटो डिडक्शन
- बिना चेक किए ऐप सब्सक्रिप्शन, क्लाउड स्टोरेज, डोमेन रिन्यूवल आदि का पैसा कट जाता है
- हर हफ्ते एक बार UPI और कार्ड स्टेटमेंट चेक करें
छोटे खर्च अगर अनियंत्रित हो जाएं तो यह आपकी सबसे बड़ी बचत की योजना को भी ध्वस्त कर सकते हैं। इसलिए इन्हें गंभीरता से लें। याद रखें — सबसे बड़ा लीक अक्सर सबसे छोटे छेद से होता है।
