(10) विकल्पों और स्कीम द्वारा औसत जीवन की योजना

यदि आप एक औसत आय वर्ग से ताल्लुक रखते हैं और सोचते हैं कि बचत या निवेश सिर्फ अमीरों के लिए है, तो आपको दोबारा सोचने की ज़रूरत है। सही योजनाएं और विकल्प अपनाकर आप भी अपने आर्थिक जीवन को स्थिर और सुरक्षित बना सकते हैं। इस खंड में हम जानेंगे कि कैसे छोटी-छोटी योजनाएं और विकल्प आपकी वित्तीय आदतों को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकते हैं।
💰 छोटी बचत योजनाएं — छोटी शुरुआत, बड़ा लाभ
- रिकरिंग डिपॉजिट (RD) में हर महीने एक निश्चित राशि जमा करें।
- सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से ₹500 से भी निवेश शुरू किया जा सकता है।
- पोस्ट ऑफिस स्कीम्स, किसान विकास पत्र (KVP), या सुकन्या समृद्धि योजना जैसे विकल्प भी अच्छे हैं।
🛍️ छूट और ऑफर्स का स्मार्ट इस्तेमाल
- ऑनलाइन शॉपिंग में हमेशा कैशबैक, डिस्काउंट कूपन और ऑफर्स खोजें।
- क्रेडिट कार्ड से शॉपिंग करते वक्त EMI विकल्प और रिवॉर्ड पॉइंट्स की तुलना करें।
- लेकिन ध्यान रखें: ऑफर के चक्कर में अनावश्यक खरीदारी न करें।
💡 बिल पेमेंट और दैनिक खर्चों में डिजिटल विकल्प
- बिजली, पानी, गैस, मोबाइल और ब्रॉडबैंड बिल डिजिटल प्लेटफॉर्म से चुकाएं — कई बार ₹10-₹100 की छूट मिलती है।
- ई-वॉलेट और UPI ऐप्स नियमित भुगतान के लिए इस्तेमाल करें और कैशबैक कमाएं।
🏥 सरकारी और निजी स्वास्थ्य बीमा योजनाएं
- प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) और PMSBY जैसे प्लान्स ₹12 और ₹330 सालाना प्रीमियम पर उपलब्ध हैं।
- बेसिक हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनकर अप्रत्याशित चिकित्सा खर्चों से बचाव करें।
📉 टैक्स बचत के विकल्प
- PPF, ELSS, NPS जैसी योजनाएं टैक्स में छूट देती हैं और सुरक्षित निवेश भी हैं।
- सालाना टैक्स रिटर्न भरते समय इन योजनाओं का उपयोग जरूर करें।
📲 कैशबैक और लॉयल्टी रिवॉर्ड्स का लाभ
- Paytm, PhonePe, Magicpin और अन्य कैशबैक ऐप से रोज़मर्रा की खरीदारी में लाभ कमाएं।
- बिग बास्केट, अमेजन, फ्लिपकार्ट आदि की लॉयल्टी योजनाओं का इस्तेमाल करें — फ्री डिलीवरी, विशेष छूट, रिवॉर्ड पॉइंट्स मिलते हैं।
🔁 ऑटोमेटेड सेविंग प्लान बनाएं
- हर महीने की शुरुआत में सेविंग को स्वचालित करें।
- एक अलग अकाउंट में ऑटो-डेबिट सेट करें — इस आदत से बचत सुनिश्चित होगी।
✅ निष्कर्ष:
इन विकल्पों और योजनाओं को अपनाकर आप अपने सीमित संसाधनों से भी बेहतर वित्तीय नियंत्रण पा सकते हैं। बस जरूरत है समझदारी, अनुशासन और थोड़ी-सी योजना की। याद रखें, पैसा वहीं टिकता है जहाँ सोच समझकर खर्च किया जाए।
