(5) ऑनलाइन डिलीवरी ऐप और एप्प-कार्ट के उपयोग में सावधानी

आजकल की तेज़-रफ्तार ज़िंदगी में ऑनलाइन शॉपिंग और फूड डिलीवरी ऐप्स हमारी सुविधा का महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं। लेकिन यही सुविधा अगर संयम और सोच के साथ न इस्तेमाल की जाए तो बजट पर भारी पड़ सकती है। इस खंड में हम जानेंगे कि कैसे इन ऐप्स और एप्प-कार्ट से खरीदारी करते समय सावधानी बरतकर खर्चों में कटौती की जा सकती है।
📦 “एप्प-कार्ट” में सेव किए प्रोडक्ट्स की नियमित समीक्षा करें
- बार-बार देखे गए प्रोडक्ट्स को हम आदतन सेव करते रहते हैं और मौका मिलते ही खरीद लेते हैं।
- हर हफ्ते एक बार एप्प-कार्ट को देखें और गैरज़रूरी चीजें हटा दें।
📦 नोटिफिकेशन से होशियारी से निपटें
- ऐप्स द्वारा भेजे गए ऑफर नोटिफिकेशन, जैसे “केवल आज के लिए 50% छूट”, आपकी इच्छा शक्ति की परीक्षा लेते हैं।
- यदि आप किसी चीज़ की पहले से योजना नहीं बना रहे हैं, तो केवल ऑफर देखकर खरीदारी न करें।
📦 कृत्रिम जरूरतें न बनाएं
- ऐप्स की ‘Recommended for you’ या ‘People also bought’ सेक्शन हमारी जरूरतों का भ्रम पैदा करती है।
- हमेशा यह सोचें कि क्या यह वस्तु वर्तमान में वाकई जरूरी है?
📦 कैशबैक और कूपन का जाल
- “₹100 छूट” या “20% कैशबैक” का लालच आपको ऐसी चीज़ खरीदवाता है जिसकी ज़रूरत नहीं थी।
- यह नकली बचत है, क्योंकि आपने खर्च तो कर ही दिया।
📦 मिनिमम ऑर्डर वैल्यू से बचें
- कई बार ₹149 की चीज़ खरीदनी होती है लेकिन ऐप कहता है कि “₹199 से ऊपर ऑर्डर करें”। ऐसे में आप ₹50 का अनावश्यक खर्च जोड़ते हैं।
📦 फूड डिलीवरी पर नजर रखें
- नियमित रूप से खाना ऑर्डर करना आपके महीने के खाने के बजट को दोगुना कर सकता है।
- सप्ताह में एक या दो बार ऑर्डर करें और बाकी दिन घर का बना खाना खाएं।
📦 “Buy Now, Pay Later” फीचर से बचें
- यह सुविधा आपको तुरंत संतुष्टि देती है लेकिन बाद में बजट को बिगाड़ देती है।
- हर खर्च के लिए अभी भुगतान करना ही सबसे अच्छा अभ्यास है।
📦 ऐप डिलीट करने से मिलती है राहत
- यदि आप बार-बार ऐप खोलकर अनावश्यक ब्राउज़िंग करते हैं, तो एक बार उसे हटाकर देखें। आप पाएंगे कि आपका खर्च काफी घट गया है।
सावधानीपूर्वक ऑनलाइन शॉपिंग और डिलीवरी ऐप का उपयोग न केवल आपकी जेब को सुरक्षित रखता है, बल्कि आपके आत्म-नियंत्रण को भी मज़बूत करता है। यह एक छोटा बदलाव है जो लंबे समय तक आपकी वित्तीय स्वतंत्रता सुनिश्चित कर सकता है।
